Diocese of Jammu - Srinagar

Daily Gospel

पहला पाठ : कुरिन्थियों के नाम सन्त पौलुस का दूसरा पत्र 9:6-10

6) इस बात का ध्यान रखें कि जो कम बोता है, वह कम लुनता है और जो अधिक बोता है, वह अधिक लुनता है।

7) हर एक ने अपने मन में जिनता निश्चित किया है, उतना ही दे। वह अनिच्छा से अथवा लाचारी से ऐसा न करे, क्योंकि ‘‘ईश्वर प्रसन्नता से देने वाले को प्यार करता है’’।

8) ईश्वर आप लोगों को प्रचुर मात्रा में हर प्रकार का वरदान देने में समर्थ है, जिससे आप को कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं हो, बल्कि हर भले काम के लिए चन्दा देने के लिए भी बहुत कुछ बच जाये।

9) धर्मग्रन्थ में लिखा है- उसने उदारतापूर्वक दरिद्रों को दान दिया है, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहती है।

10) जो बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन देता है, वह आप को बोने के लिए बीज देगा, उसे बढ़ायेगा और आपकी उदारता की अच्छी फसल उत्पन्न करेगा।

सुसमाचार : सन्त योहन का सुसमाचार 12:24-26

24) मैं तुम लोगो से यह कहता हूँ- जब तक गेंहूँ का दाना मिटटी में गिर कर नहीं मर जाता, तब तक वह अकेला ही रहता है; परंतु यदि वह मर जाता है, तो बहुत फल देता है।

25) जो अपने जीवन को प्यार करता है, वह उसका सर्वनाश करता है और जो इस संसार में अपने जीवन से बैर करता है, वह उसे अनंत जीवन के लिये सुरक्षित रखता है।

26) यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ वहीं मेरा सेवक भी होगा। जो मेरी सेवा करेगा, मेरा पिता उस को सम्मान प्रदान करेगा।